परम श्रद्धेय परम गुरु
आइए, हम सब मिलकर उस पवित्र यात्रा पर चलें जो आत्म-जागृति, शांति और सामूहिक कल्याण की ओर ले जाती है। ध्यान, साधना और सेवा के माध्यम से, हम अपने भीतर छिपे प्रकाश को प्रकट कर सकते हैं। यह केवल एक आध्यात्मिक यात्रा नहीं है, बल्कि समाज को बेहतर बनाने का एक प्रयास भी है। यह यात्रा सरल है, लेकिन गहन है। इसमें आपका पहला कदम अपने भीतर झाँकने से शुरू होता है। आइए, साथ चलें, एक-दूसरे का सहारा बनें और दुनिया को बेहतर और शांतिपूर्ण बनाने में योगदान दें
परम धाम के सामाजिक कार्य
परमधाम ध्यान आश्रम
01. — ध्यान आश्रम
मानसिक, शारीरिक, और आत्तमिक स्थिति में सुधार हेतु, देश के हर जिले में “परम धाम ध्यान आश्रम” स्थापित करेगा, जिसमे ध्यान के लिए नि:शुल्क योग कराया जायेगा…
02. — ध्यान योग
ध्यान योग के कई लाभ हैं, जो आपकी मानसिक, शारीरिक, और आत् मिक स्थिति में सुधार लाते हैं…
03. — मूक बधिर
हमारे समाज में अक्सर ऐसे लोग होते हैं जो विभिन्न कारणों से अपने आप को बेसहारा महसूस करते हैं। इनमें मूक-बधिर, जो सुन और बोल नहीं सकते…
04. — गौ सेवा और नंदी सेवा
परम धाम गौवंश की सेवा और संरक्षण के लिए समर्पित है। परम धाम गौवंश के लिए आश्रय, चिकित्सा सुविधाएँ, और उनकी देखभाल के लिए काम कर रहा है…
05. — परम धाम
“कन्यादान” एक प्राचीन परंपरा है जो हमारे समाज में गहना, धन और सम्मान के रूप में स्थान पाती है। यह एक परिवार के लिए गर्व का विषय होता है…
06. — नि:शुल्क जल सेवा
परम धाम परम जल का नि:शुल्क वितरण करता है जिसे गंगाजल” और “महामृत्युंजय मंत्र” से सिद्ध किया गया है। यह जल न केवल आपके शारीरिक स्वास्थ्य के लिए उपयोगी है…
आपके लिए परम गुरु का संदेश
परम ज्योति
दान करें
आपका योगदान, समाज की शक्ति
दान एक ऐसा खाता है जिसमें आप अपने पुण्य जमा करते हैं, और यह खाता न केवल इस जीवन में बल्कि परलोक में भी आपके साथ चलता है। जब आप जरूरतमंदों की मदद करते हैं या समाज के कल्याण के लिए योगदान देते हैं, तो आप न केवल दूसरों के जीवन को बेहतर बनाते हैं, बल्कि अपने भीतर एक गहरी संतुष्टि और शांति का अनुभव भी करते हैं।यदि ईश्वर ने आपको सक्षम बनाया है, तो यह आपका नैतिक कर्तव्य है कि आप अपनी क्षमता के अनुसार समाज और असहायों की मदद करें। आइए, अपने पुण्य खाता में योगदान करें, समाज में बदलाव लाने की इस यात्रा में शामिल हों, और मानवता के प्रति अपने प्रेम और कृतज्ञता को व्यक्त करें।
समाचारों में परमधाम
परमधाम की गतिविधियों और योगदान को मीडिया द्वारा प्रमुखता से कवर किया गया है। यहाँ आप हमारे सामाजिक और आध्यात्मिक प्रयासों को मीडिया के दृष्टिकोण से देख सकते हैं।
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परम गुरु राधेश्याम जी का जन्म 2 सितंबर 1985 को भारत के हरियाणा प्रांत के…
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संरक्षित: Verse – 1
धृतराष्ट्र बोले धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे समवेता युयुत्सवः ।मामकाः पाण्डवाश्चैव किमकुर्वत संजय ॥ MeaningIt is understood that…
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परम गुरु राधेश्याम जी का जन्म 2 सितंबर 1985 को भारत के हरियाणा प्रांत के…
परम यात्रा
नैतिक मूल्यों के बिना किसी सभ्य समाज की कल्पना नहीं की जा सकती है। दान और दक्षिणा दोनों ही सभ्य समाज की संजीवनी है।ईश्वर ने आपको अगर कोई विशेष योग्यता दी है तो एक जागरुक नागरिक के तौर ये आपकी नैतिक जिम्मेदारी है कि आप समाज निर्माण में सहयोग करें।
परम गुरु का संदेश
नैतिक मूल्यों के बिना किसी सभ्य समाज की कल्पना नहीं की जा सकती है। दान और दक्षिणा दोनों ही सभ्य समाज की संजीवनी है।ईश्वर ने आपको अगर कोई विशेष योग्यता दी है तो एक जागरुक नागरिक के तौर ये आपकी नैतिक जिम्मेदारी है कि आप समाज निर्माण में सहयोग करें।
हमारे उद्देश्य
नैतिक मूल्यों के बिना किसी सभ्य समाज की कल्पना नहीं की जा सकती है। दान और दक्षिणा दोनों ही सभ्य समाज की संजीवनी है।ईश्वर ने आपको अगर कोई विशेष योग्यता दी है तो एक जागरुक नागरिक के तौर ये आपकी नैतिक जिम्मेदारी है कि आप समाज निर्माण में सहयोग करें।