जीवन परिचय
भारत के हरियाणा प्रांत के एक पवित्र तीर्थ स्थल पर जन्मे एक दिव्य आत्मा ने आध्यात्मिक पथ की ओर कदम रखा, जहाँ महाभारत काल से भगवान शिव की अनुपम कृपा का वास है। एक धार्मिक और सत्कर्म में रत परिवार से संबंधित, उनका बचपन स्नेह और आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण रहा। परिवार के वरिष्ठों, विशेषकर उनके दादा, ने उन्हें प्रारंभिक अवस्था से ही धर्म और अध्यात्म का महत्व समझाने की प्रेरणा दी।बाल्यकाल से ही जिज्ञासु स्वभाव और ज्ञान के प्रति गहरी ललक के चलते उन्होंने आध्यात्मिकता के गूढ़ रहस्यों में डुबकी लगाई। समय के साथ, उनका यह ज्ञान-कोष अधिक गहन और विशाल होता गया।
बाल्यकाल से ही जिज्ञासु स्वभाव और ज्ञान के प्रति गहरी ललक के चलते उन्होंने आध्यात्मिकता के गूढ़ रहस्यों में डुबकी लगाई। समय के साथ, उनका यह ज्ञान-कोष अधिक गहन और विशाल होता गया।
निरंतर अध्ययन, साधना, और जनसेवा के प्रति अटूट समर्पण ने उन्हें एक अद्वितीय मार्गदर्शक और प्रेरणा स्त्रोत के रूप में स्थापित किया।सालों की तपस्या और शोध से अर्जित ज्ञान को अब यह आत्मा पूरे विश्व को लौटाने के लिए समर्पित है, मानवता को सत्य, प्रेम, और आध्यात्मिक जागृति के मार्ग पर अग्रसर करने का संकल्प लेकर।
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परम सिद्धांत
निराशा और बुराई के अंधकार का आकार कितना भी विशाल क्यों ना हो चेतना की एक छोटी सी किरण उसे पूर्णत: मिटाया जा सकता है। परिवर्तन की इस यात्रा में सकारात्मक सोच और अभ्यास ही सबकुछ हैं। अभ्यास ना केवल अनुभव देता है बल्कि परिवर्तन की इस अनुपम यात्रा पर लगातार आपको आगे बढ़ाता है। परमधाम संस्थान के स्वयं सापेक्ष के परम सिद्धांत से समय समय पर आप अपना आंकलन और अवलोकन कर सकते हैं।
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परमधाम परिचय
ये पूरा ब्रह्मांड ऊर्जा से संचालित होता है। ऊर्जा के लिए ये माना जाता है कि ये ना उत्पन्न होती है ना ही समाप्त होती है ये अनवरत रुपांतरित होती रहती है। ऊर्जा के इस रुपांतरण और संचरण का प्रत्यक्ष और परोक्ष प्रभाव मानव जीवन पर पड़ता है। मानव जीवन का कई तरीके से इस ब्रह्मांड से संवाद होता है। ब्रह्मांड में व्याप्त ऊर्जा के कई आयामों को काफी हद तक समझने और साधने में मनुष्य कामयाब भी हुआ है। मानव जीवन को बेहतर बनाने के लिए जीवन सार को समझना आवश्यक है। ब्रह्मांड की उत्पत्ति से लेकर आज तक विद्यामान और पुरातन जीवंत पहलुओं को समझने कि प्रयोगशाला है परमधाम। परमधाम मनुष्य जीवन को मूल्यवान बनाने हेतू जरुरी पद्धतियों पर लगातार शोध कर रहा है। आध्यात्मिक और शारीरिक शक्तियों के बोद्ध के साथ-साथ ईश्वर और ईष्ट के साथ हमारे संबंधों पर अनवरत अध्ययन जारी है। परम धाम में मनुष्य जीवन को सफल और सुखमय बनाने के लिए जरुरी अभ्यासों को व्यवहारिक तरीके से समझाया और सिखाया जाता है।