परम सूक्ष्म परम व्यापी

आदी भी वो अंत भी वो, सूक्ष्म भी वो ब्रह्मांड भी वो। वो परम सूक्ष्म है वो परम व्यापी है, वो घट घट में बसता है। इसलिए उसका नाम उसका जाप करते रहना,इस जीवन के लिए उसका धन्यवाद करते रहना हम सबका परम कर्तव्य है। आश्रम में ईश्वर का धन्यवाद करते हुए, अपनी मुश्किलों हल तलाशते हुए भक्त जन भजन कीर्तन और पाठ करते हैं। परम गुरु राधेश्याम जी के सानिध्य में, परम गुरु राधेश्याम जी मार्ग दर्शन में होने वाली इस संगत का हिस्सा बनने के लिए आप सादर आमंत्रित हैं।

Note : भजन कीर्तन से जुड़ी ताजा समय सारणी की जानकारी आप वेबसाइट से प्राप्त कर सकते हैं।